जैसा कि आप सबको पता है, भारतीय टीम में गब्बर के नाम से मशहूर शिखर धवन काफी लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। धवन की जगह रोहित शर्मा के साथ-साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में केएल राहुल नजर आते हैं। इसके अलावा ऋतुराज गायकवाड और इशान किशन विकल्प के तौर पर है। लेकिन आपको बता दें धवन के आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद भी उन्हें भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया। जब विराट कोहली कप्तान थे और अच्छी फॉर्म में चल रहे थे तब रोहित शर्मा और शिखर धवन की सलामी जोड़ी गेंदबाजों के छक्के छुड़ा देती थी। लेकिन अब शिखर धवन टीम से बाहर हैं।
धवन का रहा है बेहतर प्रदर्शन:- शिखर धवन ने भारतीय टेस्ट टीम के कई मैच जिताए हैं। लेकिन अब एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है कि शिखर धवन के साथी खिलाड़ी रोहित शर्मा उनके टेस्ट करियर के सबसे बड़े दुश्मन निकले। चयनकर्ताओं ने शिखर धवन की जगह रोहित शर्मा, केएल राहुल और मयंक अग्रवाल को मौका दिया है।
लंबे समय से टीम से बाहर है शिखर धवन
भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के साथ पांच मैचों की टी-20 सीरीज चाहिए जो 9 जून को शुरू हो चुकी है। इस सीरीज में धवन को आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद में मौका नहीं दिया गया। इसके लिए उनके चाहने वालों ने बीसीसीआई को भी ट्रोल किया है। इसके साथ ही हार्दिक पांड्या को भी 6 महीने बाद टीम में वापसी करवाई है। इसके अलावा सीनियर खिलाड़ियों को आराम देने के बाद भी धवन को सीरीज में मौका नहीं दिया गया। टेस्ट क्रिकेट में उनके 34 मैचों में 41 की स्ट्राइक रेट से 2300 से ज्यादा रन बनाए हैं जिसमें उनके शानदार 7 शतक शामिल है।
रोहित बने सबसे बड़े दुश्मन:- शिखर धवन क्रिकेट के हर फॉर्मेट में काफी अच्छे रहे हैं और इन्होंने हर फॉर्मेट में काफी अच्छा प्रदर्शन भी किया है। रोहित शर्मा की नामौजूदगी में शिखर धवन ही थे जिन्होंने सलामी बल्लेबाजी के स्तंभ को मजबूत बना कर रखा था। लेकिन अब रोहित शर्मा तीनों फॉर्मेट के कप्तान हैं और शिखर धवन अच्छे परफॉर्मेंस के बाद भी टीम से बाहर हैं।
शिखर धवन ने 34 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने 2315 रन बनाए हैं। इसके साथ ही 145 वनडे मैचों में 6284 रन जिनमें 17 शतक और 34 अर्धशतक शामिल है। इसके अलावा उन्होंने 68 टी-20 मैचों में 1759 रन बनाए हैं। जिसमें 11 अर्धशतक शामिल है। लेकिन पिछले 4 साल से शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी टेस्ट क्रिकेट और भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। जिसके बाद युवा खिलाड़ियों के आने के कारण उनका करियर खत्म होता हुआ दिखाई दे रहा है।