शार्दुल ठाकुर ने बार-बार दिखाया है कि वह गेंदबाजी से ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी से भी अपना प्रदर्शन अच्छा करते हैं। शार्दुल ठाकुर ने कई बार बेहतर बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को मुश्किल घड़ी से बाहर निकाला है। टेस्ट में शार्दुल ठाकुर के तीनों शतक मैच के मैच महत्वपूर्ण मोड़ पर लगाये गए हैं। टेस्ट मैच में उनका पहला शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था।
शार्दुल ठाकुर ने वाशिंगटन सुंदर के साथ मिलकर 123 रन की साझेदारी निभाई और भारतीय टीम को वापस मैच में लेकर आए। अंत में भारतीय टीम ने यह टेस्ट में 3 विकेट से अपने नाम कर लिया। कुछ महीने बाद ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 57 रन और दूसरी पारी में 60 रन की महत्वपूर्ण अर्धशतकीय पारी खेली। इसके अलावा उन्होंने 3 विकेट भी लिए थे। इस मैच को भारत ने 157 रन से जीत लिया।
शार्दुल ठाकुर ने की निराशाजनक बल्लेबाजी
लेकिन कई बार शार्दुल ठाकुर ने अपनी बल्लेबाजी से निराश किया है। जब सार्दुल की बल्लेबाजी देखकर रोहित शर्मा को गुस्सा आया तो अजिंक्य रहाणे ने इस बात का एक किस्सा सुनाया। यह किस्सा भारत की गाबा टेस्ट की दूसरी पारी के दौरान हुआ जब वे 328 रनों के लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहे थे।
मयंक अग्रवाल और वाशिंगटन सुंदर के आउट हो जाने के बाद शार्दुल ठाकुर मैदान पर आए। शार्दुल के साथ ऋषभ पंत थे। सबको यही लग रहा था कि दोनों खिलाड़ी मैच जिता देंगे। लेकिन हरफनमौला खिलाड़ी ने जल्दबाजी में शॉट खेला और आउट हो गए।
जब शार्दुल ठाकुर बल्लेबाजी करने गए थे तभी उन्हें रोहित शर्मा ने कहा था कि यह मौका हीरो बनने का है और वह बस मुस्कुराते हुए चले गए। रहाणे ने ‘बंदों में था दम’ नाम की डॉक्यूमेंट्री के दौरान इस बात को बताया।
रहाणे और अश्विन ने शार्दुल ठाकुर के बारे में क्या कहा?
अश्विन ने भी उस टेस्ट के बारे में बात करते हुए कहा “जब शार्दुल खेलने जा रहे थे तब रोहित चिल्लाए कि इसे जल्दी से खत्म करो। ऐसा ही रोहित शर्मा ने ऋषभ पंत से कहा था।” ऐसा उन्होंने इसलिए कहा होगा क्योंकि “जब रवि शास्त्री ने कहा, धोनी ने एक छक्का लगाया और वर्ल्ड कप जीत लिया।”
इसके बाद अजिंक्य रहाणे ने बताया रोहित मेरे बगल में बैठे थे। उन्होंने कहा खेल खत्म होने दो। हमें जीतने दो और मैं उसे एक या दो चीजें दिखाऊंगा। मैंने उनसे कहा कि वह इन सब के बारे में भूल जाएं और मैच खत्म होने के बाद हम इस बात का पता लगा लेंगे।