MS DHONI : कैप्टन कूल के नाम से जाने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन आईपीएल में अभी भी खेलते हैं। हम देखते हैं कि वह मैदान पर काफी शांत दिखाई देते हैं और कभी कबार ही गुस्सा होते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बता दिया है कि वे मैदान पर गुस्सा क्यों नहीं होते हैं आइए हम आपसे वह सारी बातें साझा करते हैं।
MS DHONI : धोनी ने दर्शकों से ही पूछ लिया सवाल
एम एस धोनी (MS DHONI) ने दर्शकों से बातचीत करते हुए उनसे पूछा कि आप में से कितने लोग ऐसे सोचते हैं कि उनके बॉस काफी शांत रहते हैं? जब उनमें से कुछ ने हाथ उठाए तो धोनी ने मजे लेते हुए उनसे कहा कि, या तो आप ब्राउनी प्वाइंट बनना चाहते है या फिर आप खुद बॉस है।
महेंद्र सिंह धोनी (MS DHONI) आगे बात करते हुए कहते हैं कि “ मैं सच कहूं तो जब हम मैदान पर होते हैं तो बस सब कुछ सही करना चाहते हैं अगर मिस फिल्डिंग हो, किसी से कैच छूट जाए या फिर कोई अन्य बात हो तो बस मैं यह जानने की कोशिश करता हूं कि यह सब कैसे हुआ और क्यों हुआ? वैसे ही मैदान में 40000 से ज्यादा दर्शक रहते हैं और लाखों करोड़ों दर्शकों टीवी पर मैच देख रहे होते हैं तो खिलाड़ियों पर काफी ज्यादा दबाव रहता है और मैं गुस्सा करके इस स्थिति को ज्यादा बिगाड़ना नहीं चाहता, मैं बस समझना चाहता हूं कि यह क्यों हुआ।
MS DHONI : इन बातो पर देते है ध्यान
धोनी कहते हैं कि मैं थोड़ा अलग सोचता हूं, “ अगर कोई खिलाड़ी अपना पूरा ध्यान मैदान पर रखता है और पूरी तरीके से गेम में रहता है तो मैं उस पर गुस्सा नहीं करता चाहे के छूट जाए या फिर मिस फील्डिंग हो जाए लेकिन अगर वह सही तरीके से काम नहीं कर रहा तो गलत है। मैं यह देखने की कोशिश करता हूं कि उसने अभ्यास के दौरान कितने कैच पकड़े हैं… वह और बेहतर करने की कोशिश कर रहा है या नहीं। मैं इन सब बातों पर ध्यान देता हूं। इस वजह से हम एक मैच हार जाए तो कोई बात नहीं लेकिन हमें हमेशा अच्छा करते रहने पर ध्यान देना चाहिए।
धोनी कहते हैं कि “ मैं भी इंसान हूं और मुझे भी गुस्सा आता है लेकिन जब आप मैदान पर होते हैं तो गुस्से से कुछ नहीं होता। हम देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और हम से गलतियां होती है तो हमें भी गुस्सा आता है। बाहर बैठकर खिलाड़ियों को सलाह देना काफी आसान रहता है लेकिन मैदान पर उन्हें कारगर बनाना काफी मुश्किल है। जैसे हम अपने देश के लिए पूरी कोशिश करते हैं वैसे ही विपक्षी टीम भी अपने देश के लिए खेलने आई है। इसलिए मैच में थोड़ा ऊपर नीचे होता रहता है लेकिन मैं मैदान पर अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखता हूं।