Keshav Maharaj’s Wife : दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी केशव महाराज इस समय काफी सुर्खियों में हैं। बाएं हाथ के स्पिनर गेंदबाज ने बेंगलुरु में हुए रविवार को भारत के खिलाफ मुकाबले में टीम की कप्तानी की थी। लेकिन इस मुकाबले में केशव महाराज एक कप्तान के रूप में कुछ खास नहीं कर पाए क्योंकि बरसात आने के कारण मुकाबले को बीच में ही रद्द कर दिया गया था।

आजकल केशव महाराज की पत्नी (Keshav Maharaj’s Wife) बहुत चर्चा में है उनका नाम लेरिशा मुनसामी है, जो जानी मानी कत्थक डांसर है। इनकी फोटोज और वीडियोस आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। बॉलीवुड गानों की शौकीन लेरिशा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 13000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

Keshav Maharaj’s Wife : दोनों का बैकग्राउंड काफी अलग

आपको बता दें इन दोनों के बीच पहली मुलाकात बतौर म्युचुअल फ्रेंड्स के तौर पर हुई थी और बाद में इतनी दोस्ती प्यार में बदल गई। लेकिन इन दोनों ने अपने रिश्ते की बात काफी लंबे समय तक अपने घरवालों और दुनिया से छुपा कर रखी। केशव महाराज के सामने उस समय सबसे बड़ी चुनौती अपने घरवालों को मनाने की थी क्योंकि दोनों का बैकग्राउंड काफी अलग था।

Keshav Maharaj's Wife

केशव महाराज ने अपनी फैमिली को इस रिश्ते के लिए मनाने के लिए एक शानदार तरीका ढूंढ लिया। केशव महाराज ने अपनी मां के 50 वें जन्मदिन पर एक डांस प्रोग्राम रखा। डांस प्रोग्राम में उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड लेरिशा के साथ कत्थक डांस किया। इस नृत्य से उनकी मां काफी प्रभावित हुई और उन्होंने रिश्ता आगे बढ़ाने की परमिशन दे दी। बाद में इन दोनों ने साल 2019 में सगाई कर ली। लेकिन उस समय कोरोना महामारी के कारण हिंदी शादी को 3 साल तक इंतजार करना पड़ा। इन दोनों ने इस साल अप्रैल में शादी कर ली।

Keshav Maharaj’s Wife : टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करते हुए 953 रन भी बनाए

 

केशव महाराज ने अब तक 42 टेस्ट, 21 वनडे मैच और 13 T20 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने टेस्ट मैचों में 30.67 की औसत से 150 विकेट लिए है। वही इस गेंदबाज ने 25 वनडे और टी20 इंटरनेशनल में 10 विकेट भी लिए है। इन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करते हुए 953 रन भी बनाए हैं।

आपको बता दें केशव महाराज के पूर्वज भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से संबंध रखते थे। इनके पिता आत्मानंद ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनके पूर्वज 1874 के आसपास से सुल्तानपुर से डरबन आ गए। लेकिन उस समय भारत के लोग काम की तलाश में साउथ अफ्रीका चले जाते थे।

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