Kapil Dev : दुनिया के महान ऑलराउंडर कपिल देव उभरते हुए खिलाड़ियों को बचपन के दो पक्के दोस्तों की सच्ची कहानी के उदाहरण के माध्यम से सक्सेस का मंत्र दे रहे हैं। ये दो दोस्त कोई और नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली हैं।

सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली दोनों ही बचपन से रिकॉर्ड पारियां खेलकर खूब नाम कमा रहे थे और उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी एंट्री का अनुमान पहले ही लगा लिया था। सचिन की तरह विनोद कांबली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में धांसू एंट्री तो कर ली, लेकिन कुछ शानदार पारियों के बाद उनका फॉर्म बिगड़ने लगा और वह इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर होते चले गए।

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Kapil Dev : सचिन ने हमेशा खेल पर अपना फोकस बनाए रखा

अब कपिल देव अपने उदाहरण से यह बात बता रहे हैं कि सचिन ने हमेशा खेल पर अपना फोकस बनाए रखा, लेकिन कांबली ने इस खेल से ही अपना मन हटा लिया। इसलिए वह बाद में कामयाब नहीं हो पाए। कपिल देव ने कहा कि सचिन की ही तरह कांबली को भी क्रिकेट से विरासत में मिली थी, लेकिन कांबली ने उस वक्त खेल से अपना फोकस हटा लिया, जब उन्हें सबसे ज्यादा फोकस चाहिए था। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कपिल देव ने यह उदाहरण अंडर 19 वर्ल्ड कप विजेता टीम के खिलाड़ी राज अंगद बावा और हरनूर सिंह के सम्मान कार्यक्रम के दौरान कही।

उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ी हमेशा दो तरह के होते हैं एक जुनूनी और दूसरे के पास प्रतिभा तो होती है लेकिन वो इसे प्राथमिकता नहीं देते। सचिन और कांबली एक सी प्रतिभा वाले खिलाढ़ी थे, जिसमे से सचिन जुनूनी थे, जिन्होंने कभी इस खेल से जुदाई बर्दाश्त नहीं की, जबकि कांबली ने अपना फोकस ही इस खेल से गंवा दिया।’

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