Jhulan Goswami : दोस्तों भारतीय महिला क्रिकेट की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी अपना आखिरी मैच लॉर्ड्स मैदान पर खेलने वाली है। 39 साल की झूलन गोस्वामी ने अपना डेब्यू 2002 में किया था और अब रिटायर होने की तैयारियां कर रही है। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी एकमात्र ऐसी महिला गेंदबाज है जिस ने वनडे क्रिकेट में 200 से अधिक विकेट अपने नाम किए हैं। झूलन गोस्वामी ने अपने द्वारा खेले गए 203 वनडे मैचों में 262 विकेट चटकाए हैं। झूलन गोस्वामी अपना आखिरी मैच लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेलने वाली है और इससे पहले उन्होंने बताया है कि जिंदगी में उनका सबसे बड़ा अफसोस कौन सा रहा है।

झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) कहती हैं कि किसी भी क्रिकेटर के लिए विश्वकप बड़ा मायने रखता है और हर कोई विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा बनना चाहता है। मेरे लिए सबसे बड़ी दुख की बात यह है कि मैं दो बार विश्व कप फाइनल में पहुंच चुकी हूं लेकिन भारतीय टीम को एक बार भी वर्ल्ड कप नहीं जीता सकी। 2005 और 2017 में भारतीय टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी तब झूलन गोस्वामी उस टीम का हिस्सा थी।

Jhulan Goswami

Jhulan Goswami : कभी नहीं सोचा था इतना लंबा क्रिकेट खेलूंगी

झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) कहती है कि जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं इतना लंबा क्रिकेट खेलूंगी। यह बड़ी खुशी की बात है कि मैंने इतने साल भारतीय टीम में अपनी जगह कायम रखें। एक विनम्र स्वभाव और छोटे से शहर (पश्चिम बंगाल के नदिया जिले का चकदाह गांव) से आने के बावजूद मैंने टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई और करीब 20 सालों तक क्रिकेट खेला इसके लिए मैं बड़ी भाग्यशाली हूं। मुझे शुरू में महिला क्रिकेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था।

झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) ने अपनी जिंदगी का सबसे खास पल शेयर करते हुए कहा है कि जब मुझे भारतीय टीम की कैप मिली थी तो वह क्षण मेरे लिए बहुत ही खास था और अब तक का सबसे बेहतरीन पल भी वही है। मैंने जब पहला ओवर फेंका था तो वह बहुत खास था क्योंकि मेने कभी सोचा नहीं था कि में भारतीय टीम के लिए खेलूंगी।

उन्होंने बताया कि भारतीय टीम में पहुंचने का सफर काफी कठिन रहा है मुझे रोजाना ढाई घंटे तक लोकल ट्रेन में यात्रा करके प्रैक्टिस के लिए जाना होता था लेकिन यह सब तो होता रहता है और जब 1997 में ईडन गार्डंस कोलकाता में वर्ल्ड कप फाइनल हो रहा था तो मैं उस समय बॉल गर्ल थी और भारतीय टीम की तरफ से खेलना चाहती थी।

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